
अव्यय वे शब्द होते हैं जिनके रूप में लिंग, वचन, पुरुष या कारक के कारण कोई परिवर्तन नहीं होता। ये हमेशा अपने मूल रूप में ही रहते हैं। यही कारण है कि इन्हें ‘अविकारी शब्द’ भी कहा जाता है।
उदाहरणों के साथ समझें
1. स्थानसूचक अव्यय (Adverbs of Place)
ये शब्द स्थान का बोध कराते हैं।
- कुत्र (कहाँ): बालकः कुत्र गच्छति? (बालक कहाँ जाता है?)
- तत्र (वहाँ): सः तत्र पठति। (वह वहाँ पढ़ता है।)
- अत्र (यहाँ): रमेशः अत्र अस्ति। (रमेश यहाँ है।)
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2. कालसूचक अव्यय (Adverbs of Time)
ये शब्द समय का बोध कराते हैं।
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- सदा (हमेशा): सः सदा सत्यं वदति। (वह हमेशा सच बोलता है।)
- अधुना (अब): अधुना अहं गृहं गच्छामि। (अब मैं घर जाता हूँ।)
- कदा (कब): त्वं विद्यालयं कदा गच्छसि? (तुम विद्यालय कब जाते हो?)
3. संबंधबोधक अव्यय (Prepositions/Conjunctions)
ये शब्द वाक्यों के बीच संबंध बताते हैं।
- च(और): रामः च श्यामः गच्छतः। (राम और श्याम जाते हैं।)
- अपि (भी): अहं पुस्तकं अपि पठामि। (मैं पुस्तक भी पढ़ता हूँ।)
- एव (ही): सः एव मम मित्रं अस्ति। (वह ही मेरा मित्र है।)
विजय! सुरेश: कुत्र अस्ति ?
हिन्दी अर्थ: विजय! सुरेश कहाँ है?
सम्प्रति स: विद्यालयं अस्ति।
हिन्दी अर्थ: इस समय वह विद्यालय में है।
स: कदा विद्यालयं गच्छति?
हिन्दी अर्थ: वह कब विद्यालय जाता है?
स: प्रात:-काले विद्यालयं गच्छति।
हिन्दी अर्थ: वह सुबह विद्यालय जाता है।
किं स: ध्यानेन पठति?
हिन्दी अर्थ: क्या वह ध्यान से पढ़ता है?
आम्, स: सदा ध्यानेन पठति।
हिन्दी अर्थ: हाँ, वह हमेशा ध्यान से पढ़ता है।
किं तत्र स: संस्कृतम् अपि पठति?
हिन्दी अर्थ: क्या वहाँ वह संस्कृत भी पढ़ता है?
आम्, स: संस्कृतम् अपि पठति।
हिन्दी अर्थ: हाँ, वह संस्कृत भी पढ़ता है।
स: क्रीडा वादनं गृहं आगच्छति?
हिन्दी अर्थ: क्या वह खेल के बाद घर आता है?
स: सायं-काले पञ्चवादने गृहं आगच्छति।
हिन्दी अर्थ: वह शाम को पाँच बजे घर आता है।
शब्दार्था:
हिन्दी अर्थ: शब्द-अर्थ
कुत्र – कहाँ, सम्प्रति – इस समय, कदा – कब, प्रात: – सुबह, किम् – क्या, सदा – हमेशा, अपि – भी।
हिन्दी अर्थ: यह शब्दार्थ खंड है जो पाठ में आए शब्दों के अर्थ बताता है।
१. उचित-अव्यय-पदानि चित्वा वाक्यानि पूरयत –
हिन्दी अर्थ: उचित अव्यय पदों को चुनकर वाक्य पूरे करें।
(सदा, सम्प्रति, अपि, कदा)
हिन्दी अर्थ: (हमेशा, इस समय, भी, कब)
(क) स: ………. वादनं गृहम् आगच्छति ?
हिन्दी अर्थ: वह ………. बजे घर आता है?
(ख) स: ………. ध्यानेन पठति।
हिन्दी अर्थ: वह ………. ध्यान से पढ़ता है।
(ग) स: संस्कृतम् ………. पठति।
हिन्दी अर्थ: वह संस्कृत ………. पढ़ता है।
(घ) ………. स: विद्यालयं अस्ति।
हिन्दी अर्थ: ………. वह विद्यालय में है।
| संस्कृत शब्द | हिन्दी अर्थ |
|---|---|
| अव्यय-शब्दाः | अव्यय शब्द (जिनका रूप नहीं बदलता) |
| कुत्र | कहाँ |
| सम्प्रति | इस समय, अभी |
| कदा | कब |
| प्रातः-काले | सुबह, सुबह के समय |
| सायं-काले | शाम को, शाम के समय |
| किम् | क्या |
| सदा | हमेशा |
| अपि | भी |
| आम् | हाँ |
| अस्ति | है |
| गच्छति | जाता है |
| आगच्छति | आता है |
| पठति | पढ़ता है |
| विद्यालयम् | विद्यालय को |
| गृहम् | घर को |
| ध्यानेन | ध्यान से |
| संस्कृतम् | संस्कृत को |
| उचित | उचित, सही |
| चित्वा | चुनकर |
| वाक्यानि | वाक्य (बहुवचन) |
| पूरयत | पूरा करें |
अध्याय का नैतिक
इस अध्याय का नैतिक यह है कि हमें संस्कृत में उन शब्दों (अव्यय) का ज्ञान प्राप्त होता है जो काल, लिंग या वचन के अनुसार नहीं बदलते। यह हमें सिखाता है कि कुछ शब्दों का प्रयोग हर परिस्थिति में एक जैसा रहता है, जिससे भाषा को समझना और प्रयोग करना आसान हो जाता है। यह पाठ अव्यय शब्दों के महत्व को उजागर करता है, जो संस्कृत व्याकरण का एक अभिन्न अंग हैं।