Class 4 Sanskrit Chapter 4 Balgeetam

संस्कृत पाठ 4 : बालगीतम्

शब्दार्थ, हिन्दी अर्थ और प्रश्नोत्तर

इस पाठ में विभिन्न पक्षियों, जानवरों और बच्चों की आवाज़ों का वर्णन है। यह हमें सिखाता है कि प्रकृति की हर ध्वनि में आनंद और हर्ष छिपा होता है।

चतुर्थः पाठः — बालगीतम् (पाठ शीर्षक)
चटका: ब्रूत: चूँ चूँ चूँ । हिन्दी अर्थ: चिड़िया बार-बार ‘चूँ चूँ’ कहती है।
वदति कुक्कुट: कुक्कुः कूः । हिन्दी अर्थ: मुर्गा ‘कुक्कुः कूः’ बोलता है।
गुज्जति भृङ्गः: गुं गुं गुं । हिन्दी अर्थ: भृंग (भँवरा) ‘गुँ गुँ’ की ध्वनि करता है।
वदति कपोतः: गुटरुं गुँ । हिन्दी अर्थ: कबूतर ‘गुटरुं’ जैसा स्वर करता है।
शिखिन्: वाणी केका केका । हिन्दी अर्थ: कोयल ‘केका केका’ की आवाज़ निकालती है।
टर्प्-टर्प् मण्डूक: हिन्दी अर्थ: मेंढक ‘टर्प्-टर्प्’ की आवाज़ करता है।
बाल: विहसति हा हा हा । हिन्दी अर्थ: बच्चा हँसता है — ‘हा हा हा’।
काकः: प्रलपति का का का । हिन्दी अर्थ: कौआ ‘काँ काँ’ की ध्वनि करता है।
वदति वानरः: खौं खौं खौं । हिन्दी अर्थ: वानर (बंदर) चिल्लाता है।
भवति कुक्कुर: भौं भौं भौं । हिन्दी अर्थ: कुत्ता ‘भौं भौं’ करता है।
वदति कोकिल: कुहु कुहु । हिन्दी अर्थ: कोकिल ‘कुहु कुहु’ बोलती है।
हर्ष यामो:मुहु मुहु:॥ हिन्दी अर्थ: आनंद के समय सब बच्चे बार-बार हँसते हैं।

Learning Outcomes

पाठ से सीखने के परिणाम

  • छात्र विभिन्न पक्षियों और जानवरों की ध्वनियों को संस्कृत में पहचानना और बोलना सीखेंगे।
  • संस्कृत के छोटे-छोटे शब्दों और वाक्यों का अर्थ हिन्दी में समझ सकेंगे।
  • प्रकृति की विविध ध्वनियों से जुड़कर उनमें छिपा आनंद अनुभव करना सीखेंगे।
  • उच्चारण (Pronunciation) और पठन कौशल (Reading Skills) में सुधार होगा।
  • बच्चों में सृजनात्मकता और रुचि बढ़ेगी क्योंकि वे ध्वनियों को खेल-खेल में सीखेंगे।

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