षोडशः पाठ — लघुः अपि सहायकः
मूषकः — अर्ह! वने अत्र वृक्षाः सन्ति। सिंहः अत्र शयते।
(मूषकः — अहो! वने अत्र वृक्षाः सन्ति। सिंहः अत्र सो रहा है।)
चूहा — अरे! यहाँ जंगल में पेड़ हैं और सिंह यहाँ सो रहा है।
मूषकः — सिंहस्य शरीरम् आरोहति कूदति च।
(मूषकः — सिंहस्य शरीरम् आरोहति कूदति च।)
चूहा सिंह के शरीर पर चढ़ता और कूदता है।
सिंहः (क्रोधेन) — अरे! दुष्ट मूषक! अहं त्वां दण्डयामि।
(सिंहः — क्रोध से: हे दुष्ट चूहे! मैं तुझे दण्ड दूँगा।)
सिंह गुस्से में चूहे से कहता है — मैं तुझे सज़ा दूँगा।
मूषकः — च्युञ्चुं महाराज! अहं लघुः। अहं तव सेवकः। भवान् मम राजा। मुक्त्वा माम्।
(मूषकः — कृपया महाराज! मैं छोटा हूँ, आपका सेवक हूँ। आप मेरे राजा हैं। मुझे छोड़ दीजिए।)
चूहे ने विनम्रता से कहा कि हे राजा, मुझे क्षमा करें।
सिंहः मूषकम् मुञ्चति।
(सिंहः मूषकम् मुञ्चति)
सिंह ने चूहे को छोड़ दिया।
कालान्तरे सिंहः जाले बद्धः।
(कालान्तरे सिंहः जाले बद्धः)
कुछ समय बाद सिंह जाल में फँस गया।
मूषकः तस्य गर्जनं श्रुणोति। विलात् च बहिः आगच्छति।
(मूषकः तस्य गर्जनं श्रुणोति। विलात् बहिः आगच्छति।)
चूहा सिंह की गर्जना सुनता है और बाहर आता है।
मूषकः — अहो! सिंहः जाले बद्धः। अहं जालं कृताति।
(मूषकः — अहो! सिंहः जाले बद्धः। अहं जालं कृताति।)
चूहा कहता है — अरे! सिंह जाल में फँस गया है, मैं इसे काटता हूँ।
मूषकः जालं कृताति। सिंहः मुक्तः।
(मूषकः जालं कृताति। सिंहः मुक्तः।)
चूहे ने जाल काट दिया और सिंह मुक्त हुआ।
सिंहः — त्वं मम प्रिय मित्रम्।
(सिंहः — त्वं मम प्रिय मित्रम्)
सिंह कहता है — तुम मेरे प्रिय मित्र हो।
समये लघुः अपि सहायकः भवति।
(समये लघुः अपि सहायकः भवति)
समय आने पर छोटा भी सहायक बन जाता है।
शब्दावली (Vocabulary)
| शब्द | उच्चारण | हिन्दी अर्थ |
|---|---|---|
| मूषकः | मूषकः | चूहा |
| सिंहः | सिंहः | शेर |
| वने | वने | जंगल में |
| शयते | शयते | सोता है |
| कूदति | कूदति | कूदता है |
| क्रोधेन | क्रोधेन | क्रोध से |
| दण्डयामि | दण्डयामि | सज़ा देता हूँ |
| मुक्त्वा | मुक्त्वा | छोड़कर / मुक्त कर |
| बद्धः | बद्धः | फँसा हुआ |
| श्रुणोति | श्रुणोति | सुनता है |
| जालम् | जालम् | जाल / नेट |
| कृताति | कृताति | काटता है |
| प्रियः | प्रियः | प्रिय / प्यारा |
| मित्रम् | मित्रम् | मित्र / दोस्त |
| सहायकः | सहायकः | मददगार / सहायक |
Moral (English):
नैतिक (हिन्दी):
Even a small creature can be helpful at the right time. Never underestimate anyone.
नैतिक (हिन्दी):
समय आने पर छोटा भी सहायक सिद्ध होता है — किसी को भी छोटा या कमजोर न समझें।
अभ्यास प्रश्न — एक शब्द में उत्तर:
- कः सिंहस्य शरीरम् आरोहति? — मूषकः
- सिंहः कथं गर्जति? — क्रोधेन
- जाले कः बद्धः? — सिंहः
- जालं कः कृताति? — मूषकः
अभ्यास — वाक्य पूर्ण कीजिए:
- काकः — पिपासितः अस्ति। सः उपरि गच्छति।
- घटे — जलं उपरि आगच्छति।
- काकः जलं पीत्वा — सन्तोषेण गच्छति।
शब्दार्थ:
- लघुः = छोटा
- शयते = सो रहा है
- कूदति = कूदता है
- मुञ्च = छोड़ दीजिए
- कालान्तरे = कुछ समय बाद
- बद्धः = बँधा हुआ
- श्रुणोति = सुनता है
- कृताति = काटता है
- सिंहः = शेर