
शिक्षक की दृष्टि: श्रीमती शर्मा
श्रीमती शर्मा हमेशा कहती हैं, “शिक्षा एक ऐसा जादू है, जो बच्चों में ख़ुद पर विश्वास जगाता है।” उनके अनुसार, यह बहुत ज़रूरी है कि बच्चे अपनी क्षमताओं को पहचानें और उन्हें विकसित करें।
क्लास में मस्ती: श्री यादव की सोच
श्री यादव का मानना है कि “हंसते रहना ज़िंदगी का सबसे बड़ा पाठ है।” वह हमेशा कक्षा में कला और खेल के माध्यम से बच्चों को पढ़ाने का प्रयास करते हैं, ताकि बच्चे भावनात्मक रूप से जुड़े रहें।
शिक्षा की गहराई: मिस्टर वर्मा का नजरिया
मिस्टर वर्मा कहते हैं, “शिक्षा केवल पाठ्यपुस्तकों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह जीवन का एक अनुभव है।” उनका उद्देश्य बच्चों को वास्तविक दुनिया से जोड़ना है, ताकि वे सोचने समझने की क्षमता विकसित करें।
हर शिक्षक की सोच बच्चों के भविष्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। संवेदनशीलता, भावनाएँ, और एक गहरी समझ के साथ, ये शिक्षाधिकारी न सिर्फ ज्ञान बाँटते हैं, बल्कि बच्चों के सपनों को भी संजोते हैं।